स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य नीरज कुमार का लेख: किसके-किसके अच्छे दिन आ गएँ? ज़रा हाथ उठा कर बताइये तो!

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति के सदस्य नीरज कुमार का लेख: किसके-किसके अच्छे दिन आ गएँ? ज़रा हाथ उठा कर बताइये तो!

किसके-किसके अच्छे दिन आ गएँ? ज़रा हाथ उठा कर बताइये तो! भारत के प्रधानमंत्री माननीय मोदी जी अपने कार्यकाल के अंतिम वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं। जब मोदी जी प्रधानमंत्री बनने वाले थे तब उन्होंने कई वायदे किये थे जिसमे सबसे प्रमुख “अच्छे दिन” लाने का वादा था। अब जबकि मोदी जी के कार्यकाल को 5 वर्ष पूरे होने […]

स्वराज अभियान महाराष्ट्र के महासचिव, संजीव साने का लेख: क्या हम हिन्दुओं के हित में काम नही करतें?

स्वराज अभियान महाराष्ट्र के महासचिव, संजीव साने का लेख: क्या हम हिन्दुओं के हित में काम नही करतें?

क्या हम हिन्दुओं के हित में काम नही करतें? देश में विभिन्न विचारों के साथ काम करने वाले अनेक समूह हैं। ज़ाहिर है कि अपने व्यक्तिगत हित से आगे निकलकर बड़े समूह के लिए काम करने का सीधा संबंध विचार से होता है। कोई भी कार्य बिना विचार के नहीं होता, इसलिए उसे स्पष्ट तरीके से लोगों को बताना जरूरी […]

स्वराज इंडिया हरियाणा के वरिष्ठ नेता रवि भटनागर का लेख: किसान की दुर्दशा, ज़िम्मेदार कौन ?

स्वराज इंडिया हरियाणा के वरिष्ठ नेता रवि भटनागर का लेख: किसान की दुर्दशा, ज़िम्मेदार कौन ?

किसान की दुर्दशा, ज़िम्मेदार कौन ? सोना तो उगलती रही इस देश की धरती, पर जाता कहाँ रहा? सब जानते हैं, किस किस ने निगला इस सोने को। कवि और लेखकों की अद्भुत कल्पनायें, किसान को अन्नदाता के रूप में संबोधित कर उनका मान बढ़ाती रहीं। हमारे सिनेमा और सभी बडे़ राजनीतिक दलों के नेता हर मौके पर और हर […]

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी का लेख: विज्ञापनों की दुनिया, एयरटेल वाली लड़की और मोदी जी

विज्ञापनों की दुनिया, एयरटेल वाली लड़की और मोदी जी किसी भी नए प्रोडक्ट के विज्ञापन में उसका सबसे मजबूत पक्ष ही सामने लाया जाता है। ये विज्ञापन सकारात्मक और आक्रामक होते हैं। लेकिन पुराने स्थापित प्रोडक्ट के मामले में कभी- कभी विज्ञापन रक्षात्मक भी हो जाते हैं। उदाहरण के लिए एक ऐसे साबुन को लीजिए, जिसे सेहत के लिए अच्छा […]

स्वराज अभियान महाराष्ट्र के महासचिव, संजीव साने का लेख: संवेदना

स्वराज अभियान महाराष्ट्र के महासचिव, संजीव साने का लेख: संवेदना

संवेदना तब एक तौलिये से पूरा घर नहाता था दूध का नम्बर बारी-बारी आता था छोटा माँ के पास सो कर इठलाता था पिताजी से मार का डर सबको सताता था बुआ के आने से माहौल शान्त हो जाता था पूड़ी-खीर से पूरा घर त्यौहार मनाता था बड़े भाई के कपड़े छोटे होने का इन्तजार रहता था स्कूल मे बड़े […]

Swaraj India Presidium Member and National Spokesperson Anupam’s article: By-polls Results, Anti-Incumbency and Two Steps Back

Swaraj India Presidium Member and National Spokesperson Anupam’s article: By-polls Results, Anti-Incumbency and Two Steps Back

By-polls Results, Anti-Incumbency and Two Steps Back The results of 4 Lok Sabha and 11 Vidhan Sabha by-polls announced on 31st May prove that a very strong anti-incumbency against Modi government has begun to creep in. Bharatiya Janata Party performing so poorly, that too when the alternatives were not very credible ones, show that the popularity levels of Mr. Modi […]

स्वराज अभियान महाराष्ट्र के महासचिव, संजीव साने का लेख: गैर भाजपा वाद कितना सही, कितना जरूरी?

स्वराज अभियान महाराष्ट्र के महासचिव, संजीव साने का लेख: गैर भाजपा वाद कितना सही, कितना जरूरी?

गैर भाजपा वाद कितना सही, कितना जरूरी? 2019 के चुनावी गठजोड़ की शुरुआत कर्नाटक से हो गई है. भाजपा विरोधी शक्तियाँ अपने अंकगणित के हिसाब से देश की मौजूदा जनविरोधी और संविधान विरोधी सरकार को उखाड़ फेंकने की मंशा रखती हैं, जो कि स्वाभाविक भी है. इसी अंकगणित को सामने रखकर डॉ. राम मनोहर लोहिया ने वर्ष 1961 से गैर […]

Senior Leader of Swaraj India Andhra Pradesh B. Ramakrishna Raju’s article: Lessons to be Learnt from Recent Elections

Senior Leader of Swaraj India Andhra Pradesh B. Ramakrishna Raju’s article: Lessons to be Learnt from Recent Elections

Lessons to be Learnt from Recent Elections Karnataka has given a fractured mandate. And the aftermath of politics played by the political parties exposed their naked opportunism and greed. BJP with 104 MLAs, short of 9 MLAs for full majority claimed stake to form the government with a firm resolve of poaching MLAs from other parties with the considerable time […]

म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की तीसरी किश्त

म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की तीसरी किश्त

बेघर और बेचारे लोग 3 म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की तीसरी किश्त जब समूचा बर्मा या यूँ कहें कि बर्मीज़ बौद्ध जापान की मदद से अंग्रेजों से लड़ने के लिए सेनाएं बना रहे थे, तब रोहिंग्या अंग्रेजों के साथ थे. आपसी समझ यह थी, कि अगर बर्मा पर अंग्रेजी कब्ज़ा बना रहता है, तो […]