স্বরাজ ইন্ডিয়া পশ্চিমবঙ্গের রাজ্য সচিব সমীর দাসের প্রতিবেদন: এই রক্তপাত বা তঞ্চকতাই কি আমাদের ভবিতব্য

স্বরাজ ইন্ডিয়া পশ্চিমবঙ্গের রাজ্য সচিব সমীর দাসের প্রতিবেদন: এই রক্তপাত বা তঞ্চকতাই কি আমাদের ভবিতব্য

এই রক্তপাত বা তঞ্চকতাই কি আমাদের ভবিতব্য পশ্চিমবঙ্গের পঞ্চায়েত নির্বাচন আর কর্নাটকের বিধানসভা নির্বাচন হল প্রায় একই সময়ে। গুরুত্বের বিচারে কর্ণাটকের বিধানসভা নির্বাচনের সঙ্গে পশ্চিমবঙ্গ পঞ্চায়েত নির্বাচনের কোনো তুলনা-ই চলেনা। কর্ণাটকের বিধানসভা নির্বাচনে বিজেপির জয় পরাজয় থেকে আগামী লোকসভা নির্বাচনে বিজেপির জনপ্রিয়তা কতটা অক্ষুণ্ন বা রাহুল গান্ধীর নেতৃত্বে কংগ্রেস আগামী লোকসভায় ঘুরে দাঁড়াতে পারবে কিনা – তার একটা আন্দাজ পাওয়া […]

स्वराज इंडिया राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सविता शिंदे यांचा लेख: महाराष्ट्रातील पाणी समस्या सोडवण्यासाठी राजकीय इच्छाशक्तिची गरज

स्वराज इंडिया राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सविता शिंदे यांचा लेख: महाराष्ट्रातील पाणी समस्या सोडवण्यासाठी राजकीय इच्छाशक्तिची गरज

महाराष्ट्रातील पाणी समस्या सोडवण्यासाठी राजकीय इच्छाशक्तिची गरज मागील काही वर्षात महाराष्ट्रातील लाखो शेतकार्यानी आत्महत्या केल्या. त्याचं मुख्य कारण कर्जबाजारीपणा हे आहे. शेतकरी कर्जबाजारी होण्याचे कारण दुष्काळ म्हणजेच शेतीसाठी पाण्याचा अभाव व पाणी असल्यास, शेती पिकल्यास पिकाला भाव न मिळणे. यापैकी मुख्यतः पाण्याच्या समस्येचा इथे विचार करु या. सन २०१७ पूर्वी सलग ३-४ वर्षे महाराष्ट्राला पावसाने दगा दिल्यामुळे भीषण दुष्काळाला तोंड […]

म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की दूसरी किश्त

म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की दूसरी किश्त

बेघर और बेचारे लोग 2 म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की दूसरी किश्त माना जाता है कि आठवीं शताब्दी में मौजूदा बंगाल के चटगांव इलाके से बहुत से लोग बगल के अराकान (अब रखाइन) इलाके में जाकर बस गए. इनमें से लगभग सभी लोग हिन्दू थे, क्योंकि बंगाल के इस इलाके में इस्लाम इसके कहीं […]

स्वराज इंडिया हरियाणा के वरिष्ठ नेता रवि भटनागर का लेख: नमाज़ पर फजीहत कैसी ?

स्वराज इंडिया हरियाणा के वरिष्ठ नेता रवि भटनागर का लेख: नमाज़ पर फजीहत कैसी ?

नमाज़ पर फजीहत कैसी ? यह गुरुग्राम है. भारत का मिलेनियम शहर, जो भारत के नामी औद्योगिक शहरों में शुमार होता है, और दिल्ली की तर्ज़ पर मिनी इंडिया भी कहलाता है. देश भर से रोज़ी-रोटी की तलाश में आये लोगों के साथ बहुत से विदेशी भी यहाँ निवास करते हैं. बीते कुछ दिनों में कुछ स्थानीय धार्मिक संगठनो द्वारा […]

Swaraj India National President Yogendra Yadav’s article: Distinction Between Pro-Minority-ism and Secularism – a Compass to Guide Secular Politics

Swaraj India National President Yogendra Yadav’s article: Distinction Between Pro-Minority-ism and Secularism – a Compass to Guide Secular Politics

Distinction between pro-minority-ism and secularism: a compass guide to secular politics Secularism must be distinguished from pro-minorityism. Two recent incidents, both related to Friday Namaz, invite us to draw this distinction sharply. The first incident relates to a dispute about whether Muslim teachers in Delhi should be given a special leave for Juma namaz, the Friday prayers. The Minority Commission […]

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी का लेख: बेघर और बेचारे लोग

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी का लेख: बेघर और बेचारे लोग

बेघर और बेचारे लोग म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की पहली किश्त   12- 13 सितम्बर 17 को, जब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना रोहिंग्या शिविरों को देखने पहुंची तो उन्हें देखते ही म्यांमार की सीमा के पास स्थित बालुखाली-कुटुपलांग के शिविरों में एक साथ सैकड़ों महिलाओं के आर्त्रनाद गूँज उठे. जब माँओं ने बिलखते हुए बताना शुरू […]

स्वराज अभियान महाराष्ट्र का महासचिव, संजीव साने का लेख: समता या समरसता

स्वराज अभियान महाराष्ट्र का महासचिव, संजीव साने का लेख: समता या समरसता

समता या समरसता? देश भर में 2019 के लोकसभा चुनावों की तैयारी शुरू हो गई है. सत्ताधारी दल समाज के विभिन्न समूहों के बीच अपनी छवि सुधारने के लिए जोर-शोर से कार्यक्रम कर रहा है. विगत चार सालों में सरकार ने जो निर्णय लिये, वे समाज के हित में हैं, यह बात थोपने की कोशिश ज़ोरों पर है. समाज के […]

Swaraj India VP Shalini Malviya’s article: My Vote, My Life

Swaraj India VP Shalini Malviya’s article: My Vote, My Life

My Vote, My Life “On January 26, 1950, we are going to enter into a life of contradictions. In politics we will have equality and in social and economic life we will have inequality. In politics, we will be recognising the principle of one man-one vote and one vote-one value. In our social and economic life, we shall by reason […]