Press Release
अभी तक राजनीतिक दल किसानों को नचाते थे, पहली बार किसान राजनीतिक दलों को नचा रही है : योगेन्द्र यादव

अभी तक राजनीतिक दल किसानों को नचाते थे, पहली बार किसान राजनीतिक दलों को नचा रही है : योगेन्द्र यादव

प्रेस नोट:
स्वराज इंडिया
दिनांक: 17 जनवरी 2019
अभी तक राजनीतिक दल किसानों को नचाते थे, पहली बार किसान राजनीतिक दलों को नचा रही है : योगेन्द्र यादव
 
देश की सरकार किसान विरोधी है, भूमि अधिग्रहण कानून से लेकर नोटबन्दी किसान विरोधी होने का पर्याप्त सबूत है : योगेन्द्र यादव
 
हमारे संगठन का धेय्य, काम नब्बे प्रतिशत और श्रेय दस प्रतिशत: योगेन्द्र यादव
 
उत्तरप्रदेश में गन्ना किसानों का दर्द व आवारा पशुओं की समस्या सर्वविदित है। यह सरकार ऐसे मुद्दे पर कुम्भकर्णी नींद में सोयी रहती है: कर्नल जयवीर
आज किसान-युवा संवाद बुलंदशहर में बोलते हुए देश व दुनिया के विख्यात सोशल इंजीनियर व स्वराज इंडिया पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने कहा कि आज देश किसान व युवाओं की समस्या के संकट से जूझ रही है। किसान को उचित दाम नही मिल रहा है, और किसान के बेटे को कोई रोजगार नही। उन्होंने कहा कि पिछले 6 माह में दस हजार किलोमीटर की यात्रा किया हूँ, किसान युवाओं के मामले पर देश का हालात बदतर है। उन्होंने कहा कि देश में पहली बार किसान विरोध नही विकल्प देने को तैयार हुई है। किसान संगठनों ने सरकार को दो बिल बनाकर दिया है सरकार सिर्फ उसे लागु कर दे।अगर किसान अधिक पैदावार कर ले तो समस्या कि अपने फसल को औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर किया जाता है और पैदावार कम हो तो किसान स्वतः मर जाता है क्योंकि उनके पास बेचने के लिए कुछ नही होता है। आज केंद्र व राज्य की सरकार बड़े- बड़े दावे करते हैं, खुद को किसान हितेषी कहते हैं किंतु उत्तरप्रदेश में कर्जमाफी के नाम पर मज़ाक हुआ। किसी का 20 रुपये तो किसी के 100 रुपये कर्जे माफ हुए। जबकि हम देश में कर्ज़ा मुक्ति की बात करते हैं। कर्जमाफी वहाँ होती है जहां किसान देनदार हो जबकि हक़ीक़त यह है कि आज किसान लेनदार है तो फ़िर कर्ज किस बात की। किसानों को पूर्ण कर्जामुक्ति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की ताक़त देखिये कि आज हरएक टेलीविजन किसानों के मुद्दे पर बहस करता दिख रहा है। हर एक पार्टी किसानों को दूसरे पार्टी से अधिक देने की बात करता है। जबकि 2 साल पहले हम सूखा पीड़ित जगह मराठा से बुंदेलखंड की यात्रा पर थे,देश मे भीषण सूखा पड़ा था लेकिन कोई टेलीविजन चैनल इसे ख़बर बनाने में दिलचस्पी नही रखती थी। उन्होंने जिक्र किया कि जब एक बार क्रिकेट मैच सूखे के कारण रद्द हो गया तो सरकार और चैनल को लगा कि सूखा पड़ा है। कितनी बिडंबना है। उन्होंने बोलते हुए कहा कि हम देश के अलग-अलग मंडियों में जा रहे हैं किसानों की जो हाल है उससे बिल्कुल स्पष्ट है कि किसानी संकट में है।
यह देश के लिए दुर्भाग्य है कि किसान जो अन्नदाता हैं वो आत्महत्या करने के लिए मजबूर हैं। आज देश की दो तिहाई आबादी कृषि पर निर्भर हैं फिर भी उस देश की सरकार के पास कृषक को लेकर कोई गंभीरता नही है। उसी तरह आज देश में युवा बेरोजगार है। दुनिया की सबसे बड़ी युवा आबादी वाला यह देश है। किंतु आज बेरोजगारी दर दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आज देश में कई लाख पद रिक्त है, किन्तु युवाओं को रोजगार नही है। अग़र गलती से किसी भर्ती परीक्षा की घोषणा हो जाये तो उसकी अधिसूचना व भर्ती होने में सालों लग जाते हैं। बीच में सेटिंग-गेटिंग व पेपरलीक तो अलग से। आज युवाओं के भर्ती के परीक्षा का पेपरलीक ऐसे होने लगा है जैसे सामान्य घटना।आज इस देश में लॉन्चिंग, लिंचिंग व लिकिंग सामान्य हो गया है।
उन्होंने लोगो को कहा कि देश में चुनाव नजदीक आ गया है और हम सभी नागरिक को देश के चुनाव में बढ़-चढ़ कर भागीदारी करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति में मैं इसलिए नही हूँ कि मुझे क्या मिलेगा, मुझे देश की चिंता है। यह कोई क्रिकेट मैच नही है जो दूर से बैठकर टिप्पणी करते रहें। चुनाव हमारा भविष्य तय करता है इसलिए हमें साझीदार होना चाहिए। उन्होंने लोगों की ican 19 के बारे में लोगों को विस्तार से बताया। सभी से इस मुहिम से जुड़ने की अपील की। उन्होंने कहा कि देश का अगला चुनाव या तो “हिन्दू-मुसलमान के नाम पर होगा या “किसान-नौजवान” के नाम पर। अगर हिन्दू-मुसलमान हुआ तो कोई पार्टी जीते देश हारेगा और अगर किसान-नौजवान हुआ तो पार्टी कोई जीते अंततः देश जीतेगा। उन्होंने युवाओं को दिल्ली में हो रहे यूथ समिट की जानकारी दी और आगामी 27 जनवरी को इस समिट में हिस्सा लेने का अपील किया।
सभा को संबोधित करते हुए भारतीय सेना में कर्नल से रिटायर्ड व स्वराज इंडिया दिल्ली प्रदेश के अध्यक्ष कर्नल जयवीर ने स्थानीय समस्याओं को गिनाया। उन्होंने कहा कि आज इस राज्य व शहर में बिजली का फ्लैट रेट बढ़ गया किन्तु किसानों को बिजली नदारद है  बमुश्किल कुछ घण्टे बिजली मिलती है। आज शहर में वे खेतों में आवारा पशुओं का अत्याचार बढ़ गया है। पशु लोगों के खेत चर जाते हैं, पशुओं का झुंड फसल ख़राब कर रहा है। सरकार को अविलंब इस आक्रांत से किसानों के फसल को महफ़ूज करना चाहिए। गन्ना किसानों क्व बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि यहां की मुख्य फसल गन्ना है इसके बाबजूद सरकार गन्ना किसानों की पिछला बकाया राशि भी नही दी है। कई किसानों को अपना घर परिवार चलाना मुश्किल हो जाता है।उन्होंने ican (Indian Citizen’s- Action for Nation 2019) के बारे में लोगों को बताया।
एजेंडा इंडिया: सत्तारूढ़ दल और प्रमुख विपक्षी गठजोड़ दोनों चाहेंगे कि यह चुनाव बिना किसी मुद्दे पर गंभीर चर्चा के पूरा हो जाए। सत्तारूढ़ दल के पास पिछले पांच साल की कारगुजारी का लेखा-जोखा देने के नाम पर कुछ है नहीं। इसलिए वह झूठे दावों और खोखले वादों के साथ चुनाव में उतरेगा। उधर विपक्ष को केवल चुनावी गठबंधन के गणित की चिंता है, देश के भविष्य की नहीं। ऐसे में स्वराज इंडिया की जिम्मेवारी बनती है कि वह देश के सामने एक सार्थक एजेंडा पेश करे। यह एजेंडा राष्ट्र निर्माण की तात्कालिक और दीर्घकालिक चुनौती पर एक राष्ट्रीय सहमति बनाने का काम करेगा। तात्कालिक चुनौती है पिछले पांच साल में मोदी सरकार द्वारा देश के बुनियादी ढांचे को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति करना। दीर्घकालिक चुनौती है राष्ट्र निर्माण की ऐसी योजना बनाना, जो भविष्य में इस तरह के खतरे से देश को बचा सके। इस उद्देश्य को लेकर स्वराज इंडिया देश के अग्रणी बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के बीच संवाद चलाएगी और एक नई राष्ट्रीय सहमति का घोषणापत्र पेश करेगी।
उम्मीद इंडिया: चुनाव में एनडीए और विपक्षी गठबंधन के बाहर सार्थक विकल्प खड़ा करने के लिए स्वराज इंडिया देशभर में सहमना राजनैतिक दलों, संगठनों, जनांदोलनों और सजग नागरिकों के बीच संवाद चलाएगी ताकि चुनिंदा संसदीय क्षेत्रों में वैकल्पिक उम्मीदवार खड़े किए जा सकें। इन उम्मीदवारों के चयन में यह सावधानी बरती जाएगी कि वह अपने काम और चरित्र की दृष्टि से राजनीति के स्थापित ढर्रे से अलग हों और उनकी उम्मीदवारी का प्रत्यक्ष लाभ बीजेपी या उसके सहयोगियों को न हो। इन उम्मीदवारों के चयन की एक पारदर्शी व्यवस्था की जाएगी। चुनाव में भागीदारी, अन्य संगठनों या दलों के साथ तालमेल और उम्मीदवारों के चयन संबंधी सभी निर्णय लेने का अधिकार स्वराज इंडिया के संविधान के अनुसार पार्टी के प्रेसीडियम को होगा।
टीम इंडिया: देश में एक बहुत बड़ी संख्या ऐसे नागरिकों की है, जो राजनीति में दिलचस्पी लेते हैं, लेकिन किसी दल के साथ जुड़ने से परहेज करते हैं। वे देश के लिए कुछ करना चाहते हैं, लेकिन इसका कोई सही तरीका नहीं खोज पाते। वे चुनाव में दखल देना चाहते हैं, लेकिन कोई विकल्प न होने के कारण निष्क्रिय रह जाते हैं। पिछले कुछ वर्षों में ऐसे नागरिकों की संख्या बढ़ी है, लेकिन उनके विकल्प घटे हैं। स्वराज इंडिया देशभर में ऐसे नागरिकों को टीम इंडिया के रूप में संगठित करेगी। इन्हें एजेंडा इंडिया के विचार और चुनावी कार्यकर्ता के काम में प्रशिक्षित किया जाएगा और फिर इन्हें लोकसभा चुनाव 2019 में प्रस्तावित वैकल्पिक उम्मीदवारों के पक्ष में चुनाव प्रचार में जोड़ा जाएगा। कार्यक्रम में स्वराज इंडिया उत्तरप्रदेश के अध्यक्ष एडवोकेट अर्चना, सुमति यादव, पुष्कर पाल व अन्य लोग मौजूद थे।

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