
आमजन के मुद्दों पर बात नहीं कर रहे दिल्ली की तीनों पार्टियों को नकारने की अपील
स्वराज इंडिया
प्रेस नोट : 20 अप्रैल 2019
आमजन के मुद्दों पर बात नहीं कर रहे दिल्ली की तीनों पार्टियों को नकारने की अपील
लोकसभा चुनाव में विकल्प की कमी के कारण NOTA का बटन दबाएं
स्वराज इंडिया ने दिल्ली की वोटरों से आमजन के मुद्दों पर बात न कर रहे दिल्ली की तीनों पार्टियों को नकारने की अपील की है। राष्ट्रव्यापी मुहिम “देश मेरा, वोट मेरा, मुद्दा मेरा” चला रहे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव ने कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में दिल्ली की जनता के पास चुनने लायक कुछ नही है। इसलिए स्वराज इंडिया के कार्यकर्ता दिल्ली में मुहिम चलाएंगे कि इन लोकसभा चुनावों में बेहतर विकल्प की कमी के कारण नोटा का बटन दबाएं।
योगेंद्र यादव ने कहा, “दिल्ली एक प्रदेश है, यहाँ तीन सरकार है और तीनों बेकार। तीन सरकार इसलिए कि दिल्ली नगर निगम भी अपनी सरकार चलाती है। केंद्र और राज्य सरकार तो है हीं।
आज हम दिल्ली की जनता के तरफ से तीनों सरकार से कुछ सवाल पूछते हैं:
सबसे पहले सवाल केंद्र और दिल्ली के तीनों नगर निगम में राज कर रही भाजपा से
● पुलिस केंद्र सरकार कि तो महिला असुरक्षित क्यों
● तीनों नगर निगम की बागडोर भाजपा के हाथ में है फिर भी दिल्ली कूड़े का नरक क्यों है?”
पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कर्नल जयवीर ने कहा, “अगला सवाल दिल्ली में पिछले चार साल से राज कर रही “आप” की सरकार से
● नशा मुक्ति का वादा किया था, शराब के ठेके बढ़ाये क्यों?
● 5 साल में DTC की बसें पहले से भी कम हो चुकी है। 2015 में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने पर दिल्ली में डीटीसी बसों की संख्या 4712 थी, जबकि आज यह संख्या घटकर 4720 हो चुकी है। प्रदूषण मुक्त दिल्ली बनाने लिए सार्वजनिक परिवहन की सुविधा बढ़ाने की जरूरत है,फिर भी डीटीसी बसों की संख्या लगातार कम हो रही है।
स्वराज इंडिया के दिल्ली महासचिव नवनीत तिवारी ने कहा, “आज सत्ता में नहीं हो, लेकिन सवाल दोनों सरकारें चला चुकी कांग्रेस से भी होना चाहिए कि
● झुग्गी और अनऑथराइज्ड कॉलोनी रेगुलर होने के दावों के बाद भी आज हालात जस के तस क्यों?”
इन पार्टियों से अलग अलग सवाल पूछने से काम नही चलेगा क्योंकि दिल्ली की जनता को ठगने में यह एक साथ है। इसलिए भाजपा और आम आदमी पार्टी से जनता जानना चाहती है कि
● मेट्रो का किराया दोनों ने मिलकर बढ़ाया क्यों?
● प्रदूषण रोकने के लिए कोर्ट के आदेश को मिलकर तोड़ा क्यों?”
सवाल पिछली दो केंद्र सरकार चला चुकी कोंग्रेस और भाजपा से भी:
● सत्ता के बाहर थे तो पूर्ण राज्य का वादा, सत्ता में आने पर विरोध क्यों?
रोज रोज समर्थन विरोध का नाटक करने वाली कांग्रेस और आप से भी सवाल
● जनता के सामने विरोध और बंद कमरे में गठबंधन क्यों?
और असली सवाल तीनों पार्टियों से एक साथ पूछे जाने चाहिए
● सीलिंग पर दोमुंही बाते क्यों
● कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों से धोखा क्यों
● बेलगाम भ्रष्टाचार क्यों
एक तरफ कई महत्वपूर्ण सवाल दिल्ली की जनता के सामने है, दूसरी तरफ दिल्ली कि सरकार में शामिल पार्टियां दिल्ली के आम जनता को फुटबाल की तरह इस्तेमाल कर रही है। ऐसी स्थिति में स्वराज इंडिया सभी पार्टियों से पूछेगी अगर जवाब नही मिला तो आगामी 12 मई को नोटा का बटन दबाकर अपना फैसला सुनाएगी।
हम चुनाव और लोकतंत्र का बहिष्कार नही करेंगे। लोकतंत्र का सम्मान करेंगे, बूथ में जाएंगे और नोटा का बटन दबाकर जनता से खिलवाड़ करने वाली पार्टियों को सबक सिखाएंगे।
मेरा देश, मेरा वोट, मेरा मुद्दा।


