प्रेस विज्ञप्ति, 15 नवम्बर, 2019
स्वराज इंडिया, दिल्ली
आम आदमी पार्टी और बीजेपी की आपसी राजनैतिक लड़ाई मे दिल्ली की जनता पाँच सालों से पिस रही है: स्वराज इंडिया
आपसी टकराव और खींच-तान से दिल्लीवासियों का हुआ नुकसान, दिल्ली की समस्याओं के समाधान के लिए सत्ताधारी पार्टियों की नीयत साफ नहीं
केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के लिए कुछ नहीं किया 55 महीने, बचे 5 महीने मे काम का दिखावा, सरकारी खर्चे पर झूठा प्रचार और तेज़ किया: नवनीत तिवारी (महासचिव, स्वराज इंडिया दिल्ली प्रदेश)
दिल्ली विशेष प्रशासनिक व्यवस्था वाला राज्य: टकराव नहीं, सहयोग व समन्वय की जरूरत। स्वराज इंडिया आगामी विधानसभा चुनाव मे दिल्ली के असल मुद्दे उठाएगी, समाधान की कारगर प्रणाली और सुशासन का स्वराज मॉडल पेश करेगी।
विधानसभा चुनाव में सामाजिक कार्यकर्त्ताओं, महिलाओं व युवा उम्मीदवारों को वरियता: कर्नल जयवीर सिंह (अध्यक्ष, स्वराज इंडिया दिल्ली प्रदेश)
स्वराज इंडिया महज़ पार्टी नहीं, एक अभियान और एक मिशन भी जो जानहितों की लड़ाई हमेशा से लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी: प्रोफेसर अजीत झा (स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष)
दिल्ली के विभिन्न इलाकों मे जनसरोकार के कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनसुनवाई, पहली जनसुनवाई शराब और नशे के सवाल पर 17 नवम्बर को मंगोलपुरी विधानसभा में आयोजित।
आम आदमी पार्टी और भाजपा की राजनैतिक नूराकुश्ती में राजधानी दिल्ली की जनता पिस रही है। पिछले 5 सालों में हर छोटे से छोटे काम का श्रेय दोनो पार्टियां महँगे विज्ञापनों और इश्तहारों से लेती आई हैं। वहीं दिल्ली में प्रदूषण, गन्दगी, सीलिंग, मेट्रो किराया, शराब और नशा, महिला सुरक्षा जैसे अतिमहत्वपूर्ण मुद्दों की कोई भी जिम्मेवारी दिल्ली राज्य सरकार मे आम आदमी पार्टी, या केंद्र और एमसीडी (दिल्ली नगरपालिका) मे भाजपा, दोनो ही लेने को तैयार नहीं है। दिल्ली की जनता दूषित हवा में सांस लेने को मजबूर है। साफ़ पीने के पानी को लोग तरस रहे हैं। सारी समस्याएँ जस की तस बनी हुई हैं।
इस आपसी टकराव से दिल्लीवासियों का सिर्फ नुकसान ही हुआ है। एक दूसरे की जिम्मेदारी बता कर दोनो सत्ताधारी पार्टियां अपनी-अपनी नाकामी छुपाने की कोशिश करती रही हैं। इनके आरोप-प्रत्यारोप के खेल से स्पष्ट है कि केंद्र, राज्य और एमसीडी की सत्ताधारी पार्टीयों की जनहित मे रुचि कम और सत्ता मे बने रहने मे ज्यादा है।
स्वराज इंडिया के दिल्ली प्रदेश महासचिव नवनीत तिवारी ने कहा कि केजरीवाल सरकार ने 55 महीने काम नहीं किए, अब 5 महीने काम का दिखावा कर रही है। भ्रष्टाचार मुक्ति, सुशासन और सच्चे स्वराज के वादे सुनकर जिस नए विकल्प को दिल्ली वासियों ने बड़े मन से प्रचंड बहुमत के साथ चुना था, उनकी सारी आशाओं पर जैसे पानी फिर गया है। अब यह स्पष्ट हो चुका है कि केजरीवाल सरकार पिछले साढ़े चार सालों अपने किये वायदे पूरे नहीं कर पाई है, और अब चुनावों से ठीक पहले काम करने का ढोंग और प्रचार मात्र कर रही है।
उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार जब-जब किसी मुद्दे या काम मे विफल रही, विशेष प्रशासनिक व्यवस्था की वजह से हाथ बंधे रहने का बहाना बना कर अपनी नाकामियों को ढकने की कोशिश करती रही। दिल्ली की प्रशासनिक व्यवस्था विशेष है, टकराव और खींच-तान नहीं सहयोग और समन्वय की ज़रूरत है। ऐसे मे दिल्ली को सबको साथ लेकर चलने वाली और नेक नीयत रखने वाली एक राजनैतिक विकल्प की ज़रूरत है।
स्वराज इंडिया के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष कर्नल जयवीर सिंह ने बताया कि स्वराज इंडिया ने दिल्ली की आगामी विधानसभा चुनाव मजबूती से लड़ने का फैसला किया है। दिल्ली की असली जनसमस्याओं को चुनाव के केंद्र में लाकर स्वराज इंडिया उसे चुनावी विमर्श का हिस्सा बनाएगी। साथ ही जनता के सामने कारगर प्रणालियों सहित सुशासन का एक स्वराज मॉडल भी पेश किया जाएगा जिसमे राजधानी को बेहतर और सुविधायुक्त बनाने की दृष्टि होगी।
उन्होने कहा कि नेक, प्रतिभाशाली और संवेदनशील लोगों को चुनावी राजनीति मे लाना बेहद ज़रूरी है। मौजूदा पार्टियों और नेताओं की भ्रष्टता और खराब छवि के कारण ऐसे लोग सक्रिय राजनीति मे आने से कतराते रहे हैं। दिल्ली की बेहतरी और प्रगति के लिए ज़रूरी ऐसे काबिल लोगों के लिए स्वराज एक सक्षम और सुरक्षित मंच है। स्वराज इंडिया सामाजिक कार्यकर्ताओं, महिलाओं और युवा उम्मीदवारों को तरजीह देगी और आम जनता से जुड़े हुए मजबूत ज़मीनी कार्यकताओं को इस चुनाव में उतारेगी।
गौरतलब है कि स्वराज इंडिया पिछले दिल्ली एमसीडी नगरपालिका चुनावों मे चुनावी सफलता न मिलने के बावजूद दिल्ली के पर्यावरण, प्रदूषण, शराब और नशे के मुद्दों को राजनीति के केंद्र में लाने में सफल रही थी। पिछले ही महीने के हरियाणा विधानसभा चुनावों मे भी बेरोज़गारी, किसानी संकट और महिला अस्मिता और सुरक्षा के मुद्दों को स्वराज इंडिया ने चुनावी बहस और विमर्श का हिस्सा बनाया, और सत्ताधारी पार्टी को जनता के कटघरे मे दोषी बना कर खड़ा कर दिया था।
स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रोफेसर अजीत झा इस दिल्ली विधानसभा चुनाव के कैम्पेन कमेटी के अध्यक्ष होंगे। उन्होने कहा कि स्वराज इंडिया महज़ पार्टी ही नहीं, एक ऐसा अभियान भी है जो जानहितों की वैकल्पिक राजनीति, व्यवस्था परिवर्तन और सामाजिक इंसाफ की लड़ायी हमेशा से लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी। सिर्फ़ सत्ता की दौड़ मे हम हरगिज़ नहीं हैं, प्रतिनिधित्व का अपना दायित्व और दिल्ली के प्रति अपनी जिम्मेदारी और जवाबदेही हमे निभानी है। नेक, काबिल और मजबूत उम्मीदवार, पैनी बेबाक एक सुलझी हुई सोच, सीधी सटीक जानहितों वाला दृष्टिकोण, असली मुद्दों का सही ऑकलन विश्लेषण और समझ, सधी हुई एक कारगर मेनिफेस्टो – स्वराज इंडिया इन सब चीजों को दिल्ली के प्रति अपनी खास ज़िम्मेदारी मानता है।
श्री नवनीत तिवारी ने बताया कि स्वराज इंडिया ने दिल्ली में जन संपर्क व सरोकार की प्रक्रिया शुरू कर दी है। स्वराज इंडिया दिल्ली के विभिन्न इलाकों में जनसरोकार के महत्वपूर्ण मुद्दों पर जनसुनवाई करेगी।
इस क्रम की पहली जनसुनवाई 17 नवम्बर को मंगोलपुरी विधानसभा मे शराब और नशे की मुद्दे पर आयोजित की जा रही है, जो स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेन्द्र यादव की उपस्थिति मे होगी।
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