म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की सातवीं किश्त

म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की सातवीं किश्त

बेघर और बेचारे लोग-7 बहरहाल 25 अगस्त 17 से लेकर यह लेख लिखे जाने तक साढ़े छः लाख से ज्यादा नए रोहिंग्या बांग्लादेश में आ चुके थे, जबकि लगभग सवा दो लाख हज़ार शरणार्थी पहले से ही बांग्लादेश में थे. बांग्लादेश में हज़ारों निर्जन और कम आबादी वाले द्वीप हैं. मीडिया में आई ख़बरों के मुताबिक़ पहले सरकार ने पहले […]

म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की छठवीं किश्त

बेघर और बेचारे लोग-6 अक्टूबर 2016 में बंगलादेश सीमा के निकट म्यांमार की तीन सीमा चौकियों पर आतंकियों ने बड़ी संख्या में इकठ्ठे होकर हमले किए, और बड़ी मात्रा में हथियार और गोला- बारूद लूट ले गए. इस तरह के हमले कई दिनों तक जारी रहे. जवाब में म्यांमार सेना ने अपना पुराना हथियार चला. आतंकी तो अक्सर उनके हाथ […]

म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की पाँचवीं किश्त

म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की पाँचवीं किश्त

बेघर और बेचारे लोग-5 रोहिंग्याओं के खिलाफ बर्मा यानी म्यांमार की सेना तथा स्थानीय लोगों के ताजातरीन हमले के पीछे दरअसल अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (ARSA) नाम का एक सशस्त्र मिलिटेंट संगठन था. अभी हाल तक इसे ‘हरकत अल यक़ीन’ के नाम से जाना जाता था. लेकिन इस नाम से इसका इस्लामी धार्मिक उद्देश्य ज्यादा दिखता था,राजनैतिक कम. इसलिए इसका […]

म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की चौथी किश्त

म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की चौथी किश्त

बेघर और बेचारे लोग 4 म्यांमार की सरकार तो रोहिंग्या शब्द तक को मान्यता नहीं देती, और उसका अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी से लगातार यह आग्रह रहता है कि ‘ म्यांमार में आ बसे बंगाली मुसलमानों’ के लिए इस शब्द का इस्तेमाल न किया जाए. साल 2016 में खुद म्यांमार की शीर्ष नेता आंग सान सू क्यी अमरीका के राजदूत से यह […]

म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की तीसरी किश्त

म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की तीसरी किश्त

बेघर और बेचारे लोग 3 म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की तीसरी किश्त जब समूचा बर्मा या यूँ कहें कि बर्मीज़ बौद्ध जापान की मदद से अंग्रेजों से लड़ने के लिए सेनाएं बना रहे थे, तब रोहिंग्या अंग्रेजों के साथ थे. आपसी समझ यह थी, कि अगर बर्मा पर अंग्रेजी कब्ज़ा बना रहता है, तो […]

म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की दूसरी किश्त

म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की दूसरी किश्त

बेघर और बेचारे लोग 2 म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की दूसरी किश्त माना जाता है कि आठवीं शताब्दी में मौजूदा बंगाल के चटगांव इलाके से बहुत से लोग बगल के अराकान (अब रखाइन) इलाके में जाकर बस गए. इनमें से लगभग सभी लोग हिन्दू थे, क्योंकि बंगाल के इस इलाके में इस्लाम इसके कहीं […]

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी का लेख: बेघर और बेचारे लोग

स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजीव ध्यानी का लेख: बेघर और बेचारे लोग

बेघर और बेचारे लोग म्यांमार के रोहिंग्या संकट पर राजीव ध्यानी के लम्बे लेख की पहली किश्त   12- 13 सितम्बर 17 को, जब बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना रोहिंग्या शिविरों को देखने पहुंची तो उन्हें देखते ही म्यांमार की सीमा के पास स्थित बालुखाली-कुटुपलांग के शिविरों में एक साथ सैकड़ों महिलाओं के आर्त्रनाद गूँज उठे. जब माँओं ने बिलखते हुए बताना शुरू […]